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मोथा गांव के 300 गरीब ग्रामीणों से 8 करोड़ रुपये की ठगी, ठग परिवार सपरिवार गायब

बिहार के रोहतास जिले के काराकाट थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज ठगी का मामला सामने आया है, जहाँ मोथा गांव के करीब 300 गरीब मजदूरों को एक शातिर ठग परिवार ने अपना शिकार बनाया। यह परिवार, जिसमें दादा, दादी, माता, पिता, चाचा, चाची सहित कई सदस्य शामिल हैं, पर आरोप है कि उन्होंने ग्रामीणों के नाम पर लोन उठाकर करीब 8 करोड़ रुपये की ठगी की और सपरिवार गायब हो गए।

कैसे रची गई ठगी की साजिश?

ठगी का मास्टरमाइंड नीलम देवी को बताया जा रहा है, जो कैसपार बैंक की बिक्रमगंज शाखा में कर्मचारी के रूप में कार्यरत थीं। नीलम देवी अपने परिवार के साथ गांव के गरीब मजदूरों के नाम पर बैंकों से लोन उठाती थीं और लोन की रकम खुद अपने परिवार के खातों में ट्रांसफर कर देती थीं। इस पूरे षड्यंत्र में उनके परिवार के साथ-साथ 12 बैंकों के मैनेजरों की भी मिलीभगत सामने आई है।

ठगी की शिकार महिलाएं: सबसे बड़ा निशाना

इस ठगी में सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं हुई हैं। उनके नाम पर लोन लेकर उन्हें थोड़ी सी रकम दी गई और बाकी रकम ठग परिवार ने हड़प ली। इन महिलाओं को बैंकों से रोजाना धमकी भरे नोटिस मिल रहे हैं कि जल्द से जल्द लोन की रकम चुकता करें, वरना उनका सामान जब्त कर लिया जाएगा। ठगी का शिकार हुई महिलाएं इतनी गरीब हैं कि उनके पास रोज़ी-रोटी का भी ठिकाना नहीं है, और अब उन्हें लोन की भारी रकम चुकाने का दबाव झेलना पड़ रहा है।

लोन के नाम पर अंगूठे का इस्तेमाल

ठग परिवार ने गांव में लोगों से धोखे से अंगूठे के निशान लेकर लोन पास करवाया। मोथा गांव की कई महिलाओं ने बताया कि जब भी लोन का आवेदन भरना होता था, परिवार का कोई सदस्य बैंक के मैनेजर के साथ दरवाजे पर आता था और अंगूठा लगवा कर चला जाता था। लोन पास होने पर उन्हें मामूली रकम दे दी जाती थी और बाकी रकम ठग परिवार हड़प लेता था।

300 परिवारों पर मंडराता कर्ज का संकट

पीड़ित ग्रामीणों के अनुसार, ठग परिवार पिछले दस वर्षों से गांव में इसी तरह की ठगी करता आ रहा था। जब उन्हें पूरी तरह से विश्वास मिल गया, तब उन्होंने बड़ी ठगी की योजना बनाई और सारा पैसा लेकर गांव से फरार हो गए। अब बैंक ग्रामीणों को नोटिस भेजकर लोन की रकम मांग रहे हैं, जोकि 50,000 रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक की है।

पुलिस की करवाई

इस घटना के बाद सैकड़ों महिलाएं काराकाट थाना पहुँचीं और ठग परिवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। काराकाट थानाध्यक्ष ने बताया कि इस मामले में ठग परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने बताया कि ठग परिवार भूमिगत हो गया है और उनके मोबाइल भी बंद हैं। अगर आरोपी जल्द पेश नहीं होते, तो उनके घर की कुर्की जब्ती की जाएगी।

न्याय की गुहार

मोथा गांव की गरीब मजदूर महिलाएं अब न्याय की आस में हैं। वे बैंकों की धमकियों से परेशान हैं और ठग परिवार के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि वे पहले से ही गरीबी में जी रही थीं और अब इस ठगी ने उनकी जिंदगी को और भी कठिन बना दिया है।

निष्कर्ष

इस घटना ने दिखा दिया है कि किस तरह बैंकिंग प्रणाली की कमजोरियों का फायदा उठाकर ठग परिवार ने गरीब ग्रामीणों को शिकार बनाया। अब पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि कैसे एक पूरा परिवार इतनी बड़ी ठगी को अंजाम देकर फरार हो सकता है। पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अब सभी की नजर पुलिस की कार्रवाई पर टिकी है।

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