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नारायण कृषि विज्ञान संस्थान की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित नारायण कृषि विज्ञान संस्थान (जमुहार) ने अपने उत्कृष्ट शैक्षणिक और अनुसंधान प्रयासों से इस वर्ष एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। पहली बार, संस्थान की छह छात्राओं को वाराणसी स्थित अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिला है, जो कि एक महत्वपूर्ण वैश्विक संस्थान है। इस संस्थान का मुख्यालय फिलीपींस में स्थित है और यह चावल अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी है।

इस अद्वितीय अवसर ने संस्थान के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों में हर्ष का माहौल पैदा कर दिया है। इस सफलता पर संस्थान के वरिष्ठ शिक्षकों, प्रो० अशोक कुमार और प्रो० डी०आर० सिंह ने छात्राओं को शुभकामनाएँ दी हैं और उन्हें इस उपलब्धि पर गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने इस अवसर को संस्थान के समर्पण और कठिन परिश्रम का परिणाम बताया।

संस्थान की लगातार बढ़ती उपलब्धियाँ
नारायण कृषि विज्ञान संस्थान न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि इसे क्षेत्र के किसानों के हितों के लिए भी निरंतर प्रयासरत पाया गया है। संस्थान को इस वर्ष भाकृअनुप – सरसों अनुसंधान निदेशालय, राजस्थान द्वारा सरसों की फसल के लिए एक सौ अग्र पंक्ति प्रदर्शन की अनुमति प्राप्त हुई है। यह एक प्रमुख उपलब्धि है, जो क्षेत्र के किसानों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगी।

इन अग्र पंक्ति प्रदर्शन के तहत, चयनित किसानों के खेतों में उन्नत किस्म के मुफ्त बीज वितरित किए जाते हैं। समय-समय पर फसल की जाँच संस्थान के अधिकारियों द्वारा की जाती है ताकि फसल को किसी भी संभावित नुकसान से बचाया जा सके और किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके। संस्थान के निदेशक प्रो० एच०के० सिंह ने बताया कि ये प्रदर्शन किसानों के खेतों में ही लगाए जाते हैं और संस्थान का उद्देश्य किसानों को उन्नत तकनीक और उच्च गुणवत्ता वाली फसल प्रदान करना है।

प्रशिक्षण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
संस्थान का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसके कृषि स्नातक छात्रों को हर वर्ष देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है। यह प्रशिक्षण छात्रों को नवीनतम वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आधुनिक कृषि तकनीकों से अवगत कराता है, जिससे वे अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकें। इस वर्ष छह छात्राओं का चयन अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के लिए हुआ, जो उन्हें वैश्विक स्तर पर उन्नत कृषि तकनीकों को समझने और सीखने का अवसर प्रदान करेगा। यह उपलब्धि न केवल संस्थान की प्रगति को दर्शाती है बल्कि छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी मार्ग प्रशस्त करती है।

किसान मेला और कृषि विकास
संस्थान ने इस वर्ष एक विशाल किसान मेला का सफल आयोजन किया था, जिसके माध्यम से क्षेत्र के किसानों को नई तकनीक, उन्नत बीज और वैज्ञानिक पद्धतियों की जानकारी दी गई। मेले के सफल आयोजन के बाद से ही संस्थान किसानों के हितों के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसका परिणाम यह है कि क्षेत्र में सरसों की फसल के लिए अग्र पंक्ति प्रदर्शन की अनुमति प्राप्त हुई, जिससे स्थानीय किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

संस्थान का भविष्य और दृष्टिकोण
नारायण कृषि विज्ञान संस्थान लगातार अपने छात्रों और किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। संस्थान का उद्देश्य न केवल छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा और अनुसंधान सुविधाएँ प्रदान करना है, बल्कि क्षेत्र के किसानों को उन्नत कृषि पद्धतियों और तकनीकों से परिचित कराना भी है।

संस्थान के निदेशक प्रो० एच०के० सिंह के अनुसार, “हमारा लक्ष्य है कि हमारे छात्र और किसान दोनों ही उन्नत कृषि विज्ञान के माध्यम से अधिक से अधिक लाभान्वित हों और हमारे देश की कृषि प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दें।”


इस प्रकार, नारायण कृषि विज्ञान संस्थान अपनी निरंतर उपलब्धियों और उत्कृष्ट प्रयासों से एक नए आयाम को छू रहा है, जिससे न केवल छात्र बल्कि किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं।

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